Saturday, 26 November 2011

योनिपथ (dedicated to Linga-Soni)

Original Photo by Garima Jain (Tehelka). Here an adapted image found online.

वृक्ष न हों खडें
ना जियें, ना लडें
ना आदि, ना वासी हो
विकास मरूभूमि में
लिंगम तू,
रहे समर्थ, रहे समर्थ, रहे समर्थ,
योनीपथ,योनिपथ, योनिपथ I

मेरी जमीन सा मेरा रंग;
मेरी मिटटी सा मेरा तन;
सत्ता के रास में
मांग मत, मांग मत, मांग मत,
छीन ले
योनिपथ, योनिपथ, योनिपथ I

कंपनियों के मुकाम पर
आवाम को कर बलि
विकास की राह पर
तू ना थमेगा कभी,
तू ना मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ,
योनिपथ, योनिपथ, योनिपथ I

हरवंश तुम कह गए,
"यह महान द्रश्य है
चल रहा मनुष्य है
अश्रु स्वेद रक्त से
लथपथ, लथपथ, लथपथ"
योनिपथ, योनिपथ, योनिपथ I

4 comments:

Anonymous said...

nice one

Rahul Banerjee said...

A great tribute to one of the most valiant women of our times that also is a searing critique of the deeply patriarchal nature of our State system.

Shalini Sharma said...

Thanks Chirag.
And Rahul your own work is no less inspiring. I am glad you found my blog.

Unknown said...

बहुत खूब लिखते हो आप दी, वाकई में काबिले तारीफ है। आज पहली बार पढा और पढ़कर मन मग्न हो गया।