Saturday, 14 March 2009

?

ना सच ही सच है;
ना काला सफ़ेद,
दर्पण है कारण;
बनता रंगरेज़,
जो सोचा, जो समझा
पाया वही है;
पर है प्रशन,
क्या यही सही है?

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