Friday, 8 May 2020

गर चाँद ना हो, तो क्या होगा?

महीने ना होंगे,
ठहरा हुआ समंदर होगा,
ना ज्वार-भाटे,
ना चमकीली रातें,
ना तारों की लुप्पा-छुप्पी,
ना चहरे, ना चंदा के तराने होंगे,
ग्रहण का डर होगा,
जगह नही, खड़े हो, देख सको
दुनिया का जी उठना।

(Hindi trans. of Rebecca Elson's What if there were no moon?)

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