दिनभर सितारे देखतें हैं दूर से
माँ बोली अब चलती हूं
तुम तन्हा हुई तो भी सब ठीक होगा
तुम्हे पता हो या नही तुम्हे पता होगा
बूढ़े घर को सुबह बारिश में देखना
फूल पानी ही तो हैं
सफेद बादलों से उन्हे जगाता सूरज
पहाड़ी पैबेंदकारी को चूमते
परवर्ती जीवन के धुले रंग
जो यहां थे तुम्हारे होने से बहुत पहले
जलती हुई दुनिया में भी
देखो जागते हैं वो निसंदेह
माँ बोली अब चलती हूं
तुम तन्हा हुई तो भी सब ठीक होगा
तुम्हे पता हो या नही तुम्हे पता होगा
बूढ़े घर को सुबह बारिश में देखना
फूल पानी ही तो हैं
सफेद बादलों से उन्हे जगाता सूरज
पहाड़ी पैबेंदकारी को चूमते
परवर्ती जीवन के धुले रंग
जो यहां थे तुम्हारे होने से बहुत पहले
जलती हुई दुनिया में भी
देखो जागते हैं वो निसंदेह
(Hindi Trans of W.K Merwin's Rain Light)
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